हे मात मेरी, हे मात मेरी (2)
कैसी ये देर लगायी हे दुर्गे हे मात ……. भवसागर में घिरे पड़े हैं प्रमादी ग्रह में गिरे पड़े है (2) मोह आदी जालों में जकड़े पड़े हे हे मात मेरी ……. चरण कमल की नौका बना कर माँ हम पार होगे ख़ुशी मना कर यमदूतों को मार भगा कर हे मात मेरी ……….
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मुझको प्रभु ले के जग में तू आया
तेरा शुक्रिया है , तेरा शुक्रिया है १)माता पिता का दिया प्यार मुझको देता है आदर जो संसार मुझको ये सब है प्रभु मेरे तेरी ही माया ....तेरा शुक्रिया २) दी तेज बुद्धि ,व सोच भी प्यारी बड़ी चीज़ दी मुझको भक्ति तुम्हारी बहुत ही गुंणों से है मुझको सजाया .....तेरा शुक्रिया है ३) दिए अंग पूरे मुझे इतने प्यारे कि सुन्दर हैं वो ,इक से इक बढ के सारे मुझे लाखों लाखों से सुन्दर बनाया ......तेरा शुक्रिया है ४)है दुखों कि धुप में थोडा जलाया तो सुखों कि भी दी , बहुत तूने छाया तभी तो धवन है शरण तेरी आया ....तेरा शुक्रिया है |